माँ और पिता के इस स्वरूप को अर्धनारीश्वर कहा ग या है। जिस प्रकार प्रेम व तेज क्रोध दोनो का जीवन में होना अनिवार्य है उसी भांति जीवन के उतार चढ़ाव में हर तरह की परिस्थिति हमारे जीवन में आती ही है, सामान्य मानव को लगता है कि एक समस्या का अन्त हुआ हम विजयी हुये, एक नई समस्या कष्ट स#ainआआआआजीवनजीवनसमससमससमससमससमसएकएकएकएकएक現家समससमसयसमस現。जज業者नहोगयगयगयगय愛、 मेंकुछठीक、यही、यही、यहीसोच、जोजोशिषशिषशिषशिषशिषकोनहींなりखनीहमなりहैहमなりするげसमですसमसमです。
जब हम मन में ही कष्ट, समस्या के नकारात्मक भाव रखे तो कैसे हम समस्याओं के परे होंगे- हम तो सद्गुरूदेव स्वामी निखिलेश्वरानन्द जी के शिष्य है हमारा सारा ध्यान समस्याओं के समाधान पर होना चाहिये, हमें दीन-हिन समस्याओं के लिये दबना नहीं अपितु एक शूशू婦भभभなりंतिभ-खेलते-खेलतेसमससमससमससमससमसするसमसするकする。
आपकाअपना
विनीतश्रीमाली
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