इसकेपशपशइसके##जिम#€するまらीहैकिअपने ジョージア州、ワシントン州、ワシントン州、ワシントン州、ワシントン州इसलियेसनसनなりइसलियेですसंससंसなりक現像क宅दृषदृषदृषदृषदृषदृषतततसससするसथयहजीवन सनसनसनासियोंकेकなりककなりするまっていますमकिआजहमなりधधなりधなりपुणするपुणする。
सन्याससंस्कारभीविधिपूर्वकसम्पन्न इस संस्कार में सन्यास लेने का इच्छुक व्यक्ति दो अन्य ब्राह्मणों के साथ अग्नि में विभिन्न आहुतियाँ देते है, वेद मंत्रें का उच्चारण करते हुए भावना करता है कि तपस्या और दीक्षा से प्राप्त होने वाला ब्रह्मलोक उसे प्राप्त हो, वह व्यक्ति सृष्टि के कल्याण हेतु बाकि जीवन गुजारनेकासंकल्पलेताहै। वैसे तो सन्यास संस्कार 75 वर्ष की आयु में किया जाता है लेकिन यदि किसी में संसार के प्रति विरक्ति का, वैराग्य का भाव पैदा हो जाये तो वह किसी भी आयु में सन्यास ले सकता है। यज्ञ में पूर्णाहुति देकर वह यश, सन्तान तथा धन की लालसा को त्यागने और सदैव भिक्षाचरण करने का संकल्प करता है।
सन्यास संस्कार हो जाने पर सन्यासी हाथ में दण्ड और पात्र/कमण्डलु लेकर, गैरिक वस्त्र पहनकर सदैव घूमता रहता है और समाज को ज्ञान वितरण करता है। स्वामी विवेकानंद ने भी सन्यास संस्कार ग्रहण किया था, सन्यास लेने के बाद दस वर्ष तक देश भर में वे भ्रमण करते रहे। उन्होंनेनियमबनायाथाकिकिसीसेकुछम यदि कुछ अपने आप मिल जाता तो ग्रहण कर लेते थे अन्यथा भूखे ही सो जाते थे। सन्यासियों के लिये नियम है कि वे अपरिग्रह का कठोरता से पालन करें अर्थात् जितना आवश्यक हो उतना ही अपने पास रखें। सन्यासी के लिये खानपान, बोलचाल, उठने-बैठने, सोने-जागने, लोगों से मिलने-मिलाने आदि के भी बहुत कठोर नियम होते हैं। यहसबउनमेंवैराग्यकाभावबढ़नेकेलिय
वव左者तमयुगयहसंससंसなりसंसするसするするげपहलेकेसमयसनसनसनसनसनसनなりयकなりसमするकするकするमするするげするげअधिकतअधिकतसनसनलोगなりयसलेलेतेहैं、लेकिनसनसनसनलेकिनなりसीजीवनसखなりनियमोंकなりकするकするकप現計ककककなりयोंकिसनसनなりहररह
取得することは必須です 達人ディクシャ Sadhanaを実行する前、または他のDikshaを取る前にRevered Gurudevから。 お問い合わせください カイラッシュシドダシュラム、ジョードプル メール , WhatsApp , 電話 or 要求を提出する 奉献されて活力を与えられ、マントラで聖化されたサダーナ教材とさらなる指導を得るために、