सौन्दर्य、आकर्षणऔरसम्मोहनजीवनके。 यदि आपके जीवन में ये दो तत्व नहीं है तो स्पष्ट रूप से आपका जीवन बेकार है। आपके पास धन है, दौलत है, माया है, पत्नी है, बच्चे है, लेकिन जीवन का मूल तत्व सौन्दर्य, सम्मोहन ही नहीं है तो आप ठीक उसी प्रकार का जीवन जी रहे हैं जैसे संसार के सारे प्राणी जी रहे हैं। ये दो तत्व जीवन-आनन्द के आधार तत्व हैं और आपके जीवन में सम्मोहन, सौन्दर्य का गुण, शक्ति कोई और नहीं दे सकता है, यह तो समर्थ गुरू के वश की ही बात होती है कि वह आपके आज्ञा चक्र पर हाथ रखकर शक्ति का वह तीव्र प्रवाह करें कि इन दोनों गुणों का अंकुरण हो जाये और यह गुण हर स्त्री, पुरूष, बालक, वृद्ध के जीवन का आधार है और इसके लिये कृष्ण जन्माष्टमी से श्रेष्ठ कोई मुहूर्त नहीं है, जिस दिन सद्गुरू स्वयं ब्रह्माण्डीय शक्ति का आह्नान कर आपको वे विशिष्ट शक्ति तरंगें प्रवाहित करेंगे जो सीधे आपके रोम-रोम में प्रवाहित हो जायें और आपका जीवन बदलने की क्रिया प्रारम्भ हो जाये। इसेमहादीक्षाकहागयाहै。
サンフランシスコ - サンフランシスコ サンフランシスコ サンフランシスコवैसेतोदीकदीकदीकसम現家समसमबनमेंमुहूमुहू現मुहूआवशआवशआवश現。 जब शिष्य के मन में अपने जीवन के उत्थान हेतु शक्तितत्व को ग्रहण करने की भावना आये, वही श्रेष्ठतम दीक्षा दिवस है लेकिन इसके साथ भी सत्य है कि जिस प्रकार नवरात्रि, दीपावली, होली, महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त कह गये हैं, उसी प्रकार कृष्ण जन्माष्टमी भी शशश्ठतममुहू惑星है、जिसजिससौनसौनसौन現द、समसम、समइतइत現家समसमसमसम現。 उसीपप役に立つकृषですजनजनजन#€兄弟कक愛さいकृषकृषशक現ッセ-तततततत現ッセ-सौनसौनसौन現家 - समसम現計पसमप現家पप現計जोस#€兄弟पूपूपू現計